आरबीआई की तरफ से रिटेल डायरेक्ट स्कीम के जरिए खुदरा निवेशकों को सरकारी भवन में सीधे निवेश करने की सुविधा देने से बैंकों की चिंता बढ़ गई है
माना जा रहा है कि इससे बैंकों की जमा में कमी आ सकती है इसके दो बड़े कारण हैं
एक तो बैंकों में डिपॉजिट रेट अपने अब तक के सबसे निचले स्तर पर है दूसरी तरफ बैंकों में सरकारी गारंटी सिर्फ ₹500000 तक है जबकि सरकारी वार्ड में जमा पूरी रकम की गारंटी सरकार लेती है यानी सरकार बाढ़ में पैसे डूबने का खतरा नहीं होता है यही कारण है कि 12 नवंबर को आरबीआई का रिटर्न लाइट पोर्टल खुलने के बाद से अब तक बैंक निफ्टी में 7 फ़ीसदी की गिरावट आ चुकी है
हालांकि दूसरे shares भी गिरे हैं लेकिन बैंकिंग से ज्यादा दबाव में है