यूरोप एक बार फिर दुनिया में कोरोना का केंद्र बन गया है इस महीने दुनिया में कोरोनावायरस कुल मौतों में से आधी से अधिक यूरोपीय देशों में हुई है यूरोप में हर हफ्ते 20 लाख से अधिक मामले सामने आ रहे हैं
इस वायरस को रोकने के लिए यूरोपीय देशों की सरकारें फिर से सख्त नियम लागू कर रही है
इस शखती के विरोध में प्रदर्शन भी हो रहे हैं ऑस्ट्रेलिया ने पूर्ण लॉकडाउन लगा दिया है
जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्री जयंत स्पेन ने चिता के हुए कहा है कि इस साल के अंत तक जर्मनी के लोग या तो पूरी तरह वैक्सीनेटेड हो जाएंगे या ठीक हो जाएंगे या फिर मर जाएंगे
केस बढ़ने के बाद बेल्जियम ने मास अनिवार्य कर दिया है
लोगों को घर पर ही काम करने के निर्देश दिए हैं सख्त नियमों और वैक्सिंग के लिए प्रेरित करने वाले सरकारी उपायों के विरोध में ऑस्ट्रिया,बेल्जियम, डेनमार्क, इटली, नीदरलैंड में प्रदर्शन हो रहे हैं
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे सार्वजनिक स्वास्थ्य के नाम पर सामान्य जीवन में 2 साल की घुसपैठ से तंग आ चुके हैं उधर फ्रांस के प्रधानमंत्री जीन कास्टेक्स संक्रमण की चपेट में आ गए हैं वह 10 दिन से घर में ही रहकर कामकाज देखेंगे उधर डब्ल्यूएचओ ने आशंका जताई है कि यूरोप में मार्च 2022 तक कोरोना से कुल मौतों का आंकड़ा 2000000 पहुंच सकता है